संबंध एवं फलन: एक संपूर्ण गणितीय मार्गदर्शिका

 संबंध एवं फलन का परिचय (Introduction to Relations and Functions)

गणित में जब हम दो समुच्चयों के तत्वों के बीच किसी प्रकार का नियम या जुड़ाव स्थापित करते हैं, तो उसे संबंध (Relation) कहते हैं। और जब यह संबंध एक विशेष नियम का पालन करता है, जिसे हर इनपुट के लिए एक ही आउटपुट मिलता है, तब उसे फलन (Function) कहते हैं| 




🔷 संबंध (Relation) क्या होता है?

जब दो समुच्चयों A और B को लिया जाए, और A के प्रत्येक तत्व को B के किसी एक या अधिक तत्वों से जोड़ा जाए, तो इन सभी युग्मों का समूह A से B में एक संबंध (Relation) कहलाता है।


👉 उदाहरण:

मान लीजिए, A = {1, 2, 3}, B = {4, 5}

तो A और B के बीच संभव युग्म हैं:

R = {(1, 4), (2, 4), (3, 5)}

यह एक संबंध है क्योंकि हमने A के तत्वों को B के तत्वों से जोड़ा है।


🔷 फलन (Function) क्या होता है?

फलन एक विशेष प्रकार का संबंध है, जिसमें A के प्रत्येक तत्व का केवल एक B के तत्व से संबंध होता है। यानी कोई भी इनपुट (x) दो अलग-अलग आउटपुट (y) नहीं देगा।


👉 उदाहरण:

यदि A = {1, 2, 3} और B = {4, 5, 6}

और यदि R = {(1, 4), (2, 5), (3, 6)}

तो यह एक फलन है क्योंकि A का हर तत्व एक ही B के तत्व से जुड़ा है।


लेकिन यदि R = {(1, 4), (1, 5)} होता, तो यह फलन नहीं कहलाता क्योंकि 1 से दो अलग-अलग मान जुड़े हैं।


🧠 याद रखने योग्य बातें:

हर फलन एक संबंध होता है, लेकिन हर संबंध फलन नहीं होता।


फलन को f : A → B के रूप में दर्शाते हैं, जहाँ A प्रभुत्व समुच्चय (Domain) होता है और B संग्रहीत समुच्चय (Co-domain)।


फलन के प्रत्येक तत्व को एक निश्चित नियम से जोड़ा जाता है, जैसे:

f(x) 

= x², जहाँ x कोई संख्या है।


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