जीवन परिचय :- हिन्दी गद्य साहित्य के युग-विधायक महावीरप्रसाद द्विवेदी का जन्म 5 मई, सन् 1864 ई0 में रायबरेली जिले के दौलतपुर गाँव में हुआ था | कहा जाता है कि इनके पिता रामसहाय द्विवेदी को महावीर का इष्ट था, इसलिए इन्होंने पुत्र का नाम महावीरसहाय रखा |इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव की पाठकशाला में हुई | प्रधानाध्यापक ने भुलवस इनका नाम महावीरप्रसाद लिख दिया था | यह भूल हिन्दी साहित्य में स्थायी बन गया | तेरह वर्ष की अवस्था में अंग्रेजी पढ़ने के लिए इन्होंने रायबरेली के जिला स्कूल में इनको वैकल्पित विषय फारसी लेना पड़ा |और ये कुछ दिनों पड़ने के बाद अपने पिता के पास मुंबई चले गये | वहाँ इन्होंने संस्कृत, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी का अभियास किया |ये रेलवे में विभिन्न पदों पर कार्य करने कर बाद झांसी में डिस्ट्रिक्ट ट्रैफिक सुपरिन्टेंडेंट के कार्यालय में मुख्य लिपिक हो गए | सन् 1903 ई0 में द्विवेदीजी ने 'सरस्वती' पत्रिका का सम्पादन स्वीकार किया | 1920 ई0 तक यह गुरुतर दायित्व इन्होंने निष्ठापूर्वक निभाया, 'सरस्वती' से अलग होने पर इनके जीवन के अन्तिम अठारह वर्ष के नीरस वातावरण में बड़ी कठिनाई से व्यतीत हुए | 21 दिसम्बर सन् 1938 ई0 को रायबरेली में हिन्दी के इस यशस्वी साहित्यकार का निधन हो गया |
प्रमुख रचनाएं :- हिन्दी-नवरत्न, मेघदूत, शिक्षा, सरस्वती, कुमारसंभाव, रघुवंश, हिन्दी महाभारत आदि |